रेकी
अपने हाथों से करें अपना उपचार


आप जीवन भर किसके लिए तरस रहे हैं - खुशी/सुख। आपने जीवन भर यही चाहा है। क्यों? इसलिए नहीं कि यह आपकी कोई अनुचित चाह है, बल्कि यह आपकी प्राकृतिक प्रवृत्ति है। एक समय (बचपन) ऐसा था जब आप खुशी और आनंद से घिरे हुए थे। जैसे जैसे आप बड़े होते गए और दुनियादारी में उलझते गए, एक दिन अचानक आपसे यह खुशी छिन जाती है। खुशी का कहीं अता-पता नहीं, हर तरफ केवल अंधकार, निराशा और संघर्ष है। खुशी आपके अतीत का एक हिस्सा बन चुकी है तथा आप अपने वास्तविक स्वभाव को भूल चुके हैं। हाँ, कुछ यादें बची हैं लेकिन ज़िंदगी एक समझौता अवश्य बन गयी है।
इन सबके बावज़ूद खुश रहना या नहीं रहना आपके वश में अवश्य है। आप को केवल जागरुक होना है और अपने स्वयं की शक्तियों पर भरोसा करना है।
'रेकी' आपकी इसी यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त साधन है। इसमें आपको अपने इस भूले हुए अतीत (खुशी) से जोड़े रखने की क्षमता है क्योंकि हम सब उसी का एक हिस्सा हैं। रेकी में आपके व्यक्तित्व, आपसी संबंध, आपकी भावनाओं, आपकी पेशेवर ज़िन्दगी में परिवर्तन लाने की क्षमता है तथा आपकी रचनात्मकता एवं खुश और सुरक्षित होने की भावना को उभारता है। रेकी जीवन के सभी क्षेत्रों/पहलुओं में संपन्नता सुनिश्चित करता है: स्वास्थ्य में संपन्नता, खुशियों में संपन्नता, प्रेम की संपन्नता- स्वयं के लिए और दूसरों के लिए भी, आर्थिक संपन्नता, सफलता में संपन्नता, रचनात्मकता में संपन्नता, कृतज्ञता/आभार की संपन्नता।
रेकी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है - 'सर्वव्यापी जीवन शक्ति' जिसे संस्कृत में 'प्राण' भी कहते हैं। हिन्दी भाषा में रेकी को प्राण, शक्ति या ऊर्जा कहते हैं।
आमतौर पर रेकी का अभिप्राय एक ऐसी स्पर्श चिकित्सा से है जिसमें हाथों से छूकर रोगों का उपचार किया जाता है। उसी तरह से जैसे इसामसीह, साईं बाबा, भगवान बुद्ध स्पर्श मात्र से लोगों की तकलीफ़ों को दूर किया करते थे। इस चिकित्सा पद्धति में औषधि के रूप में ऊर्जा का प्रयोग होता है जो आपके हाथों से प्रवाहित होते हुए शरीर के हर उस अंग तक पहुँचता है जहाँ दर्द या तकलीफ़ है।
वास्तव में, रेकी इस विश्व की मूलभूत प्रकृति है, और प्राकृतिक चिकित्सा की यह पद्धति (रेकी) आपके लिए इस स्थिति को आसान कर देती है कि आप उस सर्वव्यापी जीवन शक्ति को फिर से प्रचुर मात्रा में प्राप्त कर सकें जो अपने मूल रूप में आप ही में विद्यमान है। दूसरे शब्दों में आप अपने आपको फिर से ऊर्जावान कर लेते हैं।
रेकी आपके शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ता है जिससे शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक संतुलन बढ़ता है तथा इससे आध्यात्मिक विकास भी होता है। शारीरिक संतुलन बढ़ने से शरीर के रोग/तकलीफ़ें दूर होती हैं तथा शरीर निरोगी रहता है। मानसिक संतुलन बढ़ने से जीवन के विभिन्न परिस्थितियों से मुक़ाबला करने में आसानी होती है क्योंकि मन शांत रहता है। भावनात्मक संतुलन बढ़ने से आप मानसिक विकारों तथा शारीरिक तकलीफ़ों से बचे रहते हैं।
क्वांटम भौतिकी और रसायनिक विज्ञान में भी ऊर्जा को अस्तित्व की मूलभूत प्रकृति माना गया है। इसके अनुसार, मनुष्य का शरीर, उसके विचार और भावनाएँ सभी उस ऊर्जा से बनी होती हैं जो विभिन्न आवृत्तियों में घूमती रहती है। तरंग जितनी सघन होती है, हमें उतनी असुविधा होती है। और यह तरंग जितनी मुक्त होती है, उतना ही हम स्वस्थ, समृद्ध, सुंदर, संतुष्ट और सकुशल अनुभव करते हैं।
रेकी पर लिखी गई ज़्यादातर पुस्तकें इसे एक 'चिकित्सा पद्धति' के रूप में प्रस्तुत करते हैं। लेकिन वास्तव में रेकी एक जीवन जीने कि शैली है जिसे हर व्यक्ति सीख सकता है। इसकी खूबी यही है कि इसका उपयोग किसी पर भी और कहीं पर भी हो सकता है।
रेकी के स्तर
रेकी तीन स्तरों में सिखाया जाता है।
रेकी-प्रथम चरण की कार्यशाला में प्रतिभागियों को रेकी की पृष्ठभूमि के बारे में बताया जाता है। वे दीक्षा प्राप्त करते हैं तथा रेकी में उपयुक्त विभिन्न हाथों कि स्थितियों के बारे में सीखतें हैं। इसके पश्चात वे स्वयं पर तथा अपने सह-प्रतिभागियों पर रेकी का अभ्यास करते हैं। वे बीमारियों तथा रेकी द्वारा उनके उपचार के बारे में सीखते हैं।
रेकी-दि्वतीय चरण से पहले, प्रतिभागियों को कम से कम 21 दिनों का निरंतर रेकी-प्रथम चरण का अभ्यास करना होता है। इसके परिणाम स्वरूप उनका ऊर्जा स्तर बहुत बढ़ जाता है। रेकी- दि्वतीय चरण की कार्यशाला में प्रतिभागियों को रेकी के 3 चिह्न सिखाएँ जाते हैं और दीक्षा प्राप्त करते हैं। रेकी-दि्वतीय चरण सीखने पर आप दूर बैठे किसी को भी ऊर्जा भेजकर उसका उपचार कर सकते हैं तथा इससे नकारात्मक भावनाओं का उपचार भी होता है। इससे आपका अंतर्ज्ञान बढ़ता है।
रेकी-तृतीय चरण को पुनः दो स्तरों में बाँटा गया है। पहले स्तर में प्रतिभागियों को मास्टर चिह्न सिखाया जाता है और वे रेकी मास्टर चिकित्सक कहलाते हैं। दूसरे स्तर की दीक्षा के बाद उन्हें रेकी मास्टर की उपाधि दी जाती है तथा वे दूसरों को रेकी की दीक्षा प्रदान कर सकते हैं।
रेकी मास्टर बनने के लिएआपको दूसरों को सीखाने के प्रति तथा रेकी को अपने दैनिक जीवन में समाविष्ट करने के प्रति समर्पित होना चाहिए। रेकी मास्टर बनना एक विशेष आमंत्रण है और यह सभी के लिए अनिवार्य नहीं है।
रेकी से फायदे
रेकी आपके अंतःस्त्रावी प्रणाली (Endocrine System) पर कार्य करता है जिससे हार्मोन संतुलित होते हैं।
रेकी उपचार अत्यंत सुखदायी होते है और इसलिए उपचार के उपरान्त आप आराम अनुभव करते हैं।
रेकी से गहरी नींद आती है जिससे दवाइयों पर निर्भरता कम हो जाती है।
रेकी से रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
रेकी से रक्तचाप सामान्य होता है।
रेकी से रक्त में प्लेटलेट की संख्या में वृद्धि होती है और इससे घाव भी जल्दी भरते हैं।
रेकी से हमारी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता जिससे हम बीमारियों से बचे रहते हैं।
रेकी से हमारे स्वभाव में भी परिवर्तन आता और हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक बनता है।
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